BJP Parliamentary Party Office Secretary; National Convenor, BJP Publication Deptt.; Editor Kamal Sandesh (Hindi & English); BJP National Executive Member.

जैसा कि पूर्वानुमान था, संसद में अविश्वास प्रस्ताव भारी मत से गिर गया। पूर्वानुमानों से भी बड़ी बात यह रही कि किसी ने सोचा नहीं था कि अंतर इतना बड़ा होगा। यदि कांग्रेस को पहले यह आभास हो जाता कि इस प्रस्ताव की यह दुर्गति होने वाली है, तब वह शायद सपने में भी इसके समर्थन को न सोचती। परिणाम यह हुआ कि विपक्ष की हालत और भी अधिक बदतर हुई तथा राजग अपनी शक्ति में भारी बढ़ोत्तरी करने में सफल हुआ। यह भी स्पष्ट हो गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में राजग को अपनी संख्या से भी अधिक समर्थन प्राप्त है। पूरे देश में प्रदेशों के चुनावों में हो रहे अपनी पराजय से कांग्रेस कोई भी सीख लेने को तैयार नहीं है और इसमें भी कोई संदेह नहीं कि अपनी इस हार से भी वह कोई सीख नहीं लेगी।

मोदी सरकार के विरुद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव में शुरू से ही कोई गंभीरता नहीं थी। सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का कोई ठोस आधार नहीं था। तेलुगु देशम पार्टी द्वारा लाये गये इस प्रस्ताव का दायरा केवल आंध्र प्रदेश तक सीमित था, पर कांग्रेस एवं इसके सहयोगियों ने केवल राजनैतिक स्वार्थ में इसके समर्थन का निर्णय लिया। परन्तु कांग्रेस की उम्मीदों पर तब पानी फिर गया, जब वह सरकार के विरुद्ध कोई भी गंभीर मुद्दा न उठा पायी। जिन आधारहीन तर्कों पर कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का प्रयास किया, वे सब थोथे साबित हुए। उनके पास कोई भी तर्कसंगत आरोप नहीं थे जिस कारण विपक्ष द्वारा इतना बड़ा कदम उठाना आवश्यक प्रतीत हो रहा था। यह न केवल संसद का वक्त जाया करना था, बल्कि पूरे देश के लिये समय की बर्बादी साबित हुई। देश को आज भी स्मरण है कि संसद का पिछला सत्र कांंग्रेस की इस जिद्दी एवं तर्कहीन रवैये के कारण खराब हुआ था।

आज जबकि पूरा देश कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति को देख रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं कि इसका फल इसे जनता द्वारा नकारात्मक परिणामों के द्वारा ही मिलेगा।संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस पर विपक्ष अपने आधारहीन तर्कों से पूरे देश में बेनकाब हो गया। राहुल गांधी के ‘राफेल समझौते’ पर झूठे आरोपों से कांग्रेस की बार–बार झूठ एवं फरेब की राजनीति के सामने माथे टेकने की बढ़ती प्रवृत्ति उजागर होती है। उनके द्वारा लगाये गये अन्य आरोप भी खोखले साबित हुए और वे कोई भी ठोस मुद्दा को उठाकर सरकार को घेरने में नाकामयाब रहे। अपने हास्यास्पद बयानों के साथ–साथ प्रधानमंत्री के गले लगकर, फिर आंख मारने से संसद की गरिमा को उन्होंने ठेस पहुंचाई। इस तरह की नाटकीयता भरी राजनीति से यही साबित होता है कि कांग्रेस को अब तक एक गंभीर नेतृत्व नहीं मिल पाया है जिसका वह वर्षों से बेचैनी से इंतजार कर रही है। कांग्रेस को समझना चाहिए कि इस तरह के ड्रामेबाजी से उसकी विश्वसनीयता जनता की आंखों में और भी अधिक कमजोर हुई है और यह हंसी की पात्र बन गई है।

एक ओर जहां विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार को घेरने का प्रयास किया, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर उनकी सरकार द्वारा गरीब, पिछड़े, वंचितों एवं कमजोर वर्गों के लिये किये जा रहे व्यापक परिवर्तन के कार्य देश के सामने रखा। उन्होंने देश को पुन: चल रहे व्यापक बदलाव एवं सुशासन एवं विकास के कार्य से अवगत कराया। लोगों को पता है कि दशकों तक कांग्रेस के कुशासन, भ्रष्टाचार, लूट एवं घोटाले, भाई–भतीजावाद एवं नीतिगत पंगुता से देश कितना पिछड़ गया। कांग्रेस के कुशासन एवं वंशवादी राजनीति से देश की बहुत हानि हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टिपूर्ण नीतियों से अब देश नित नई ऊंचाईयां छू रहा है। देश की जनता का उनके नेतृत्व पर अटूट विश्वास है, जैसाकि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार की भारी विजय से एक बार पुन: प्रमाणित हुआ।

                                                                                                                                                          shivshakti@kamalsandesh.org

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