BJP Parliamentary Party Office Secretary; National Convenor, BJP Publication Deptt.; Editor Kamal Sandesh (Hindi & English); BJP National Executive Member.

संसद में 2018–19 के बजट प्रस्तुत होने के साथ पुन: एक बार विकसित, समृद्ध एवं वैभवपूर्ण भारत का संकल्प मजबूत हुआ है। समाज के वंचित वर्गों के साथ–साथ किसानों, महिलाओं, युवाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को बजट में प्राथमिकता दी गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इन सबके बावजूद बजटीय घाटा एवं वित्तीय अनुशासन पर लगाम ढीली नहीं छोड़ी गई है। सही मायनों में देखा जाए तो यह एक संपूर्ण बजट है, जिसमें अंत्योदय के सिद्धांतों के अनुरूप गरीब से गरीब व्यक्ति को योजनाओं के केन्द्र में रखते हुए हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। उज्ज्वला, सौभाग्य तथा स्वच्छता मिशन जैसी योजनाओं के लिए भरपूर वित्तीय प्रावधान करके हर घर को गैस कनेक्शन, बिजली एवं शौचालय देने के इरादे को मजबूत किया गया है। साथ ही सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर जोर देते हुए उनको भविष्योन्मुखी लक्ष्यों के अनुरूप सुदृढ़ करके देश के ग्रामीण एवं शहर के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना की गई है।

यह बजट पूर्व के लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए किसान, गरीब एवं गांव की प्राथमिकता देते हुए कृषि क्षेत्र को अपने केन्द्र में लिये हुए है। लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा से कृषि क्षेत्र में जबरदस्त परिवर्तन आयेगा, जिससे किसानों के जीवन में भारी बदलाव होगा तथा भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार सुदृढ़ होगा। प्रधानमंत्री के ‘न्यू इंडिया’ के कार्यक्रम में किसानों की आय 2022 तक दुगुना करने का लक्ष्य है, जो इस घेाषणा के बाद इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इसके अलावा किसानों के लिए अन्य नये बजटीय प्रावधानों से मत्स्य पालन, पशुपालन, बांस तथा अन्य कृषि कार्य में जबरदस्त तेजी आने वाली है। लेकिन जो सबसे बड़ी घोषणा थी वह स्वास्थ्य सुरक्षा से संबंधित रही जिसके अंतर्गत देश के लगभग 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम मानी जाने वाली इस योजना में 10 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा दी जा रही है। सरकार के लिये शुरू से ही स्वास्थ्य एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है तथा अब तक दवा, स्टेंट, घुटना का आपरेशन, डायलेसिस सुविधा और कई अन्य स्वास्थ्य सुविधायें, जो देश के एक बड़े वर्ग की पहुंच से बाहर थीं, अब इस वर्ग को सुलभ हुई हैं। नये मेडिकल कॉलेजों को खोलने के निर्णय से स्वास्थ्य की आधारभूत व्यवस्था सुदृढ़ होगी और जन–जन तक स्वास्थ्य सुविधायें अब पहुंच पायेंगी।

बजट का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह वित्तीय अनुशासन को बनाते हुए बजटीय घाटा जो इस बार 3.5 प्रतिशत रहा, उसे 3.3 प्रतिशत तक नीचे लाने को कटिबद्ध है। अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि कई तरह के ढांचागत सुधारों से देश उच्च विकास दर के दौर में प्रवेश कर जायेगा। कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर घरेलू उद्योगों के लिये बजट में सरकार ने नए अवसर पैदा किए हैं, जिससे देश में रोजगार की संभावनाएं निश्चित रूप से बढे़ंगी तथा ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाओं को बल मिलेगा। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, वरिष्ठ नागरिकों, लघु एवं मध्यम उद्योगों, ऊर्जा, रेलवे तथा आधारभूत संरचना के क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रावधान किये गए हैं। इससे पूरी अर्थव्यवस्था को भारी गति मिलेगी तथा उच्च विकास दर प्राप्त करने में सहायक होगी।

यह बजट प्रधानमंत्री के विचारों को परिलक्षित करता है जिन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि सरकार किसान, गरीब, महिला, युवा एवं अनु. जाति एवं जनजाति के हितों के लिये प्रतिबद्ध रही। साथ ही यह ‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांस्फॉर्म’ की नीति का अनुसरण करते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विचारों से अभिमंत्रित है। इस बजट को ठीक ही ‘भारत का बजट’ कहा जा रहा है, क्योंकि यह ग्रामीण भारत के चहुंमुखी विकास के साथ ही विकसित, सुदृढ़ एवं समृद्ध भारत के मार्ग को प्रशस्त कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा वित्त मंत्री अरुण जेटली वास्तव में इस बजट के लिए बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने एक जिम्मेदार, जवाबदेह और पारदर्शी राजनैतिक संस्कृति की शुरुआत की है। जैसाकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि बजट गरीबों की आकांक्षाओं को नया पंख लगा रहा है, यह बजट गरीब एवं मध्यम वर्ग के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ के सपने को साकार करता है।

    shivshakti@kamalsandesh.org

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