BJP Parliamentary Party Office Secretary; National Convenor, BJP Publication Deptt.; Editor Kamal Sandesh (Hindi & English); BJP National Executive Member.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 71वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र संबोधन से देश फिर एक बार अपने उज्ज्वल भविष्य के प्रति आश्वस्त हुआ है। प्रधानमंत्री के शब्द हर भारतीय की आकांक्षाओं की प्रतिध्वनि है, जो भारत को एक महान राष्ट्र के रूप में विश्व मंच पर अपनी भूमिका निभाते हुए देखना चाहते हैं। परिवर्तन की बयार जो देश के कोने–कोने में महसूस की जा रही है, अब चहुंओर परिणाम दे रही है। साढ़े तीन वर्ष पूर्व की स्थिति– पॉलिसी पैरालिसिस, घोटाले, भ्रष्टाचार, कुशासन और हर ओर विफलता से देश अब उबर चुका है। देश तीव्र विकास के रास्ते पर है। विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के साथ–साथ भ्रष्टाचार, कालेधन और आतंकवाद पर कठोर कदम उठाया गया है। यही नहीं, अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार, सीमाओं की समुचित रक्षा तथा मजबूत अंदरूनी और बाहरी सुरक्षा से लोगों में भरोसा बहाल हुआ है। साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि लोग अब बेहतर भविष्य के प्रति आशान्वित हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी भारत के लोगों की आकांक्षाओं के प्रतीक हैं और राष्ट्र को अपने सम्बोधन में उन्होंने फिर से बदली मानसिकता का संदेश देते हुए ‘बदल सकता है’ के सकारात्मक रुख का संदेश दिया।

लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को चौथी बार सम्बोधित करते हुए उन्होंने लगभग हर विषय पर अपनी बात कही और नए भारत के दृष्टिकोण को सामने रखा। पिछले तीन वर्षों में नए सुधारों को साथ आगे बढ़ते हुए जनोपयोगी नीतियों और कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन किया गया। विमुद्रीकरण और जीएसटी जैसे उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा व पहुंच के लिए हम बेहतर स्थिति में है। उपलब्धियां बेशुमार हैं– आेआरओपी के सफल कार्यान्वयन के साथ जनधन और उज्ज्वला योजना को भारी सफलता मिल रही है। सुरक्षा मोर्चे पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसे उपायों के राष्ट्रीय भरोसे को बढ़ावा मिला है और सुरक्षा बलों को भारी सफलता मिल रही है। प्रधानमंत्री ने काली अर्थव्यवस्था पर भी प्रहार किया और देश में कालेधन पर प्रभावी रोक लगाने हेतु बनाए गए कई कठोर कानूनों का भी जिक्र किया। उन्होंने गरीबों के हितों की रक्षा करना सरकार की प्रतिबद्धता बताया और कहा कि वे लगातार कालेधन के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। अपने भाषण में ‘सहकारी संघवाद’ से लेकर ‘प्रतियोगी सहकारी संघवाद’ के विचार को रखते हुए उन्होंने कहा कि राज्यों को विकास के लिए स्वस्थ प्रतियोगिता में लगे रहना चाहिए।

आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ‘न गाली से, न गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाने से। अतएव वे चाहते हैं कि कश्मीरी राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल हों। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विभिन्न क्षेत्रों में भारत की नई वैश्विक छवि और मजबूत बने, ताकि काले धन और आतंकवादी गतिविधियों समेत महत्त्वपूर्ण सूचनाएं बेहतर ढंग से साझी की जा सकें। तमाम उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने सही अर्थों में ‘सुराज’ के लक्ष्य को प्राप्त करने का
आह्वान किया।

उन्होंने नए भारत के विजन को बार–बार सामने रखा। प्रधानमंत्री ने सभी के लिए पक्के घरों का निर्माण, प्रत्येक गरीब को बिजली और पानी, किसानों की आय दुगुनी, युवाओं और महिलाओं के लिए पर्याप्त अवसर, जातिवाद, सम्प्रदायवाद और आतंकवाद से मुक्त भारत; जहां भाई–भतीजावाद व भ्रष्टाचार से कोई समझौता न हो तथा देश स्वराज के सपनों को साकार करने में सक्षम हो, की ‘राष्ट्र की सामूहिक इच्छा’ का आह्वान किया। कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता है कि लोगों की सामूहिक इच्छा के बिना राष्ट्र भरोसे के साथ प्रगति और विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है। उन्होंने अपील की कि राष्ट्र को एक-साथ मिलकर अथक रूप से 2017 से 2022 तक पांच वर्षों तक काम करना होगा, ताकि नए भारत का सपना साकार हो सके। उन्होंने ठीक ही कहा कि यदि हमें उज्ज्वल भारत के सपने को साकार करना है, तो 125 करोड़ लोगों की ‘टीम इंडिया’ को ‘न्यू इंडिया’ के लिए वचनबद्ध बनना होगा।

shivshakti@kamalsandesh.org

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