BJP Parliamentary Party Office Secretary; National Convenor, BJP Publication Deptt.; Editor Kamal Sandesh (Hindi & English); BJP National Executive Member.

भारत ने एक बार पुनः एक बड़ी छलांग लगाते हुए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (व्यापार में सुगमता) के पैमाने पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। इस वर्ष 23 पायदानों की छलांग लगाकर भारत अब विश्व में 77वें स्थान पर खड़ा है। यदि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में पिछले चार वर्षों में हुए व्यापक सुधारों का इसे प्रतिफल माना जाये, तब सचमुच यह एक चमत्कार है। यूपीए शासन के दौरान जब पूरा देश नीतिगत पंगुता, भयंकर भ्रष्टाचार एवं कांग्रेस कुशासन से त्रस्त था, भारत की स्थिति इस पैमाने पर निरंतर बद से बदतर होती रही और 190 देशों की सूची में 2014 में 142वें स्थान पर देश पहुंच गया। पिछले चार वर्षों में भारत का प्रदर्शन इतना शानदार रहा कि यह पहले 130वें स्थान पर पहुंचा और पिछले दो वर्षों में 30 एवं 23 स्थानों की छलांग लगाकर अब 77वें स्थान पर है। भारत का प्रदर्शन 10 में से 6 क्षेत्रों में जबरदस्त रहा, जिस कारण देश का आर्थिक वातावरण में जबरदस्त सुधार हुआ है। भारत ने कारोबार शुरू करने में आसानी हेतु, निर्माण अनुमति, बिजली, ऋण प्राप्ति, कर अदायगी, सीमा पार व्यापार एवं अनुबंध की सुनिश्चितता के पैमाने पर अपनी स्थिति अत्यधिक मजबूत कर ली है। यह आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र के उदय का प्रतीक है, जिसका नेतृत्व कड़े निर्णय ले सकता है तथा पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ सकता है।

अब जबकि भारत सुशासन एवं विकास के सभी मानदंडों पर खरा उतर रहा है, 31 अक्तूबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण से भारत की पूरे विश्व में प्रतिष्ठा बढ़ी है। यह भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल, जिन्होंने अपने विलक्षण नेतृत्व क्षमता से पूरे देश का एकीकरण किया, के प्रति देश की एक विनम्र श्रद्धांजलि है। गुजरात के केवड़िया जिले में नर्मदा नदी के बीच खड़ी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ आज विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति है। जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति को राष्ट्र को समर्पित कर रहे थे, हर भारतीय का मस्तक गौरव से ऊंचा हो रहा था और देश के इस महान् विभूति को श्रद्धांजलि दी जा रही थी। यह एक ऐसा अवसर था जिसका उत्सव पूरा देश मना रहा था तथा हर भारतीय के मन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के सुनहरे भविष्य के प्रति विश्वास और अधिक दृढ़ हो रहा था। यह एक ऐसा समय था जब पूरा देश एकजुट होकर देश की एकता एवं अखंडता के लिये समर्पित होने को पुनः शपथ ले रहा था। विश्व की सबसे ऊंची 182 मीटर की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ न केवल सरदार पटेल के असाधारण योगदानों का स्मरण दिलाती रहेगी, बल्कि देश की एकता एवं अखंडता के विरुद्ध खड़ी विभाजक एवं विनाशकारी तत्वों के विरुद्ध हर देशवासी को सजग एवं एकजुट रहने की भी प्रेरणा देती रहेगी।

स्मारक, संग्रहालय एवं मूर्तियां न केवल महान् विभूतियों के प्रति जनमानस की विनम्र श्रद्धांजलि होती है, बल्कि पूरा राष्ट्र इनसे इनके सिद्धांतों एवं मूल्यों पर चलने के लिए प्रेरणा पाता है। विश्व की सबसे ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में सरदार पटेल को समर्पित एक संग्रहालय, गांधी नगर में महात्मा मंदिर एवं दाण्डी कुटीर, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को समर्पित पंचतीर्थ, हरियाणा में श्री छोटूराम की मूर्ति, कच्छ में वीर नायक गोविंद गुरु एवं श्यामजी कृष्ण वर्मा के स्मारक के निर्माण कार्य को भी सुनिश्चित किया है। दिल्ली में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को समर्पित एक संग्रहालय, मुंबई में वीर शिवाजी की प्रतिमा और देश भर में जनजातीय संग्रहालयों का भी निर्माण कार्य चल रहा है। नये भारत का निर्माण जहां ‘अंत्योदय’ के मंत्र से अभिमंत्रित है, वहीं गरीब, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, महिला एवं युवा के लिए विशेष कार्ययोजना से हो रहे व्यापक बदलाव को पूरा विश्व अचम्भे से देख रहा है। एक ओर जब स्मारकों से हर भारतीय देश के विकास में अपनी शक्तिभर योगदान करने को प्रेरित हो रहा है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में अद्भुत उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है।

                                                                                           shivshakti@kamalsandesh.org

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