BJP Parliamentary Party Office Secretary; National Convenor, BJP Publication Deptt.; Editor Kamal Sandesh (Hindi & English); BJP National Executive Member.

आज जब राष्ट्र डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी की पुण्यतिथि 23 जून तथा जयंती 6 जुलाई पर भारत माता के इस महान् सपूत को याद कर रहा है, देश पुन: अपनी एकता एवं अखंडता अक्षुण्ण रखने के लिए कृत संकल्पित है। स्वतंत्रता आंदोलन के महान् विरासत जन-जन के लिए प्रेरणा का पुंज तो हैं ही, परन्तु स्वतंत्रता के साथ–साथ जिन घटनाओं से देश का विभाजन हुआ, वे अब भी किसी न किसी रूप में देश के समक्ष चुनौतियां उत्पन्न करते हैं। मुस्लिम लीग द्वारा विभाजनकारी-सांप्रदायिक राजनीति के चलते जिस पाकिस्तान का निर्माण हुआ, दुर्भाग्य से इसके हुक्मरान भारत से अंतहीन दुश्मनी को ही अपना मजहब मानते हैं। नेहरू तथा कांग्रेस शासन की कमजोर नीतियों से पाकिस्तान का हौसला लगातार बढ़ता रहा है और वह भारत के अंदर आतंकी-अलगाववादी तत्त्वों को बढ़ावा देने में संलिप्त रहा है। पिछले चार वर्षों में इन आतंकी-अलगाववादी गुटों पर कड़ी कार्रवाई कर हमारे वीर जवानों ने इनके हौसले पस्त कर दिये हैं और कई खूंखार आतंकियों का घाटी में सफाया किया जा चुका है।

भाजपा के लिये जम्मू–कश्मीर की जनता का हित हमेशा महत्त्वपूर्ण रहा है और पार्टी ने आतंकी-अलगाववादी गुटों के सामने जनता को एकजुट रखने के लिए कई संघर्ष किये हैं। यही कारण था कि चुनावों में जनता द्वारा दिये गये जनादेश के आधार पर भाजपा ने पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाना स्वीकार किया था। जहां यह प्रयास किया गया कि राज्य की स्थिति सामान्य हो तथा लोग शांति एवं विकास के मार्ग पर आगे बढ़े, वहीं, पीडीपी नेतृत्व जनाकांक्षाओं को पूरी तरह नहीं समझ पायी। राज्य में कानून–व्यवस्था की स्थिति भी खराब होने लगी, जिस कारण भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने को बाध्य हो गई। हालांकि सुरक्षा बल अदम्य साहस का परिचय देते हुए अनेक आतंकियों तथा उनके महत्त्वपूर्ण कमांडरों का सफाया करने में सफल रहे, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि पीडीपी की नीतियों के कारण सुरक्षा–वातावरण में सेंध लग रही थी। इसके अलावा पीडीपी जम्मू एवं लद्दाख के लोगों में भी विश्वास पैदा नहीं कर पा रही थी, जिससे कि लोग सरकार से कटे हुए महसूस कर रहे थे। पीडीपी की घाटी–केंद्रित राजनीति के कारण वह दलगत–हितों से ऊपर नहीं उठ पायी तथा जम्मू एवं लद्दाख के लोगों को सरकार के कार्यों से नहीं जोड़ पा रही थी। ऐसी परिस्थिति में भाजपा के पास प्रदेश की जनता के हित में समर्थन वापसी के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था।

भारत की एकता एवं अखंडता भाजपा के लिए सर्वोच्च प्रतिबद्धता का विषय है और इससे कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता। जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी ने देश की एकता एवं अखंडता की वेदी पर अपना बलिदान दिया था। यह तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की घुटनाटेक नीति का ही फल था कि ‘अलग विधान, अलग निशान’, कश्मीर में प्रवेश हेतु परमिट व्यवस्था और धारा 370 जैसे विषय स्वीकार किये गये। इससे घाटी में अलगाववाद का बीज पड़ा और देश को लम्बे समय से अलगाववाद की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी जिन्होंने इन प्रावधानों के विरुद्ध विशाल जनांदोलन चलाये, उन्हें कश्मीर में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया, जहां रहस्यमय परिस्थितियों में वे बलिदान हो गए। भाजपा ने निरंतर अलाववाद के विरुद्ध संघर्ष कर पूरे देश में जनचेतना का निर्माण किया है। कांग्रेस के वोटबैंक एवं तुष्टिकरण की नीतियों के कारण घाटी में विभाजनकारी तत्त्वों के हौसले बढ़े और वहां अलगाववाद की समस्या पैदा हुई। परन्तु अब नरेन्द्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने आतंकी गुटों के विरुद्ध अनेक सफलताएं अर्जित की हैं। एलओसी के पार जाकर ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ के द्वारा हमारे वीर जवानों ने अपनी एक नई गौरव गाथा लिख दी है। अब समय आ गया है कि शांति एवं विकास के लिये जम्मू एवं कश्मीर में स्थायी समाधान निकाला जाए और यह केवल नरेन्द्र मोदी जैसे मजबूत इरादों वाले व्यक्तित्व द्वारा संभव है। यही डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी के लिये सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

                                                                                                                                                                                                                    shivshakti@kamalsandesh.org

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